कटनीमध्यप्रदेश

शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौतों से हुआ प्रकरणों का निराकरण

शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौतों से हुआ प्रकरणों का निराकरण

कटनी से सौरभ श्रीवास्तव की रिपोर्ट

 

कटनी  – मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार, माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जितेन्द्र कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में जिला कटनी के जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालयों (विजयराघवगढ़, बरही, ढ़ीमरखेड़ा) एवं अन्य विभागों में शनिवार को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया।

 

नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश जितेन्द्र कुमार शर्मा के द्वारा सरस्वती माँ की प्रतिमा एवं महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर न्यायाधीशगण, अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ कटनी अमित शुक्ला सहित अन्य अधिवक्तागण, जिला अभियोजन अधिकारीगण, लोक अभियोजकगण, लीगल एड डिफेंस काउंसिल के अधिवक्तागण एवं अन्य विभागों के अधिकारीगण एवं न्यायालयीन कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

 

सिमत शर्मा व्यवहार न्यायाधीश एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बताया कि, नेशनल लोक अदालत में राजस्व, नगर-निगम तथा अन्य संस्थाओं के प्री-लिटिगेशन एवं बिजली, आपराधिक, मोटर दुर्घटना दावा समेत पक्षकारों के आपसी राजीनामे से लंबित प्रकरणों का निराकरण किया गया। जिले में नेशनल लोक अदालत में आपसी समझौते से प्रकरणों के निराकरण हेतु जिला न्यायालय कटनी में कुल 30 खण्डपीठों का गठन किया गया था।

 

लोक अदालत में प्रीलिटिगेशन के 4631 प्रकरण एवं न्यायालय के 1082 लंबित प्रकरणों को रैफर किया गया था, जिनमें से प्री-लिटिगेशन के 2915 प्रकरणों का निराकरण हुआ, जिससे 2637 लोग लाभान्वित हुए एवं इन प्रकरणों में 88 लाख 108 रूपए की राशि जमा की गई।

 

इसी अनुक्रम में न्यायालय में लंबित प्रकरणों में से 485 प्रकरणों का निराकरण हुआ, जिसके परिणामस्वरूप 870 लोग लाभांवित हुए।

 

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कटनी की ओर से हर्षित बिसेन जिला विधिक सहायता अधिकारी द्वारा नेशनल लोक अदालत को सफल बनाने में समस्त न्यायाधीशगणों, अन्य विभाग के अधिकारीगणों, अधिवक्तागणों, कर्मचारीगणों एवं जिले के समस्त पक्षकारगणों का आभार व्यक्त किया गया। साथ ही इस अवसर पर राजीनामा करने वाले पक्षकारगण को प्रतीक स्वरूप फलदार एवं छायादार पौधे भी भेंट किये गए।

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